
घर
छोटे से सुंदर नये गाँव मे एक घर था मेरा भी पिता जी ने बड़े परिश्रम से बनाया था “घर” वहाँ दीवारों के बीच में घर जैसा सब क…
छोटे से सुंदर नये गाँव मे एक घर था मेरा भी पिता जी ने बड़े परिश्रम से बनाया था “घर” वहाँ दीवारों के बीच में घर जैसा सब क…
गाँव की मिट्टी गीली हुई सोधी खुशबु से महक उठी । जब बरसा पानी सावन का कलिया सारी चटक उठी ।। फूलो मे रंगत चढ़ी हुई बगि…
हिंदी मे साहित्य का हिंदी के विकास का । नित नई नई रचनाओ का होता सम्मान काव्य का ।। दोहा छंद विज्ञान का नित नये नये प्रय…
कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनका कोई नाम नहीं होता मिलना तो मन का होता है दिल से संबंध नहीं होता। सां…
बुझती उम्मीदों से कह दो, अभी आस जारी है. खोए हुए हर सपनों की, अभी तलाश जारी है. भटक गया हूं राह से, पर चलना नहीं भुला ह…
मैंने औढा नहीं सिर्फ एक घूँघट , मैंने औढ़ी है थोड़ी सी लोक लाज मैंने निभा दी है थोड़ी मर्यादा और निभा दी है बुजुर्गों …
बहुत याद तुम मुझको आती हों माँ कितने नखरे उठाती थी, तुम जो मुझे मानती थी, नहीं खाने बैंगन भिंडी, कहकर जो मै इतराती थी…
बहुत जला हूँ मैं , तभी तो तुम देख पाए.. वो राह , जिस पर चलकर.. पायी मन्जिल तुमने | जीता दिलों को तुमने || तेल मेरा थ…
तन्हा था विशाल सागर , एक रात, रूप की गागर . छलकती हुई चांदनी , गाती हुई कोइ रागिनी . आई थी उधर से , नि…