रानी शर्मा
मैंने औढा नहीं सिर्फ एक घूँघट , मैंने औढ़ी है थोड़ी सी लोक लाज मैंने निभा दी है थोड़ी मर्यादा और निभा दी है बुजुर्गों …
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अनुभूति
अप्रैल 30, 2025
रानी शर्मा
बहुत याद तुम मुझको आती हों माँ कितने नखरे उठाती थी, तुम जो मुझे मानती थी, नहीं खाने बैंगन भिंडी, कहकर जो मै इतराती थी…
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अनुभूति
अप्रैल 17, 2025