गाँव की मिट्टी गीली हुई
सोधी खुशबु से महक उठी ।
जब बरसा पानी सावन का
कलिया सारी चटक उठी ।।
फूलो मे रंगत चढ़ी हुई
बगिया भवरो से भरी हुई ।
रंग विरंगी तितली आई
कलियों पर सब चढ़ी हुई ।।
मनमोहक दृश्य है सावन का
जन जन के मन भावन का ।
चहु ओर हरेरी छाई है
मौसम आया सावन का ।।
झूला झूलन सब सखि चली
रिमझिम रिमझिम बरसात हुई ।
गावय गीत मनोहर सब
हाथ मे मेंहदी लगी हुई ।।
कल्लो रानी काली जमुनी
पेड़ो पर है लदी हुई ।
आम रसीले चुई रहे
सावन की बरसात हुई ।।
उत्तम कुमार तिवारी " उत्तम "
लखनऊ
उत्तर प्रदेश
भारत
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