बुझती उम्मीदों से कह दो, अभी आस जारी है.
खोए हुए हर सपनों की, अभी तलाश जारी है.
भटक गया हूं राह से, पर चलना नहीं भुला हूं
मिल जायगी राह भी, मन में जो विश्वास जारी है
मुश्किलों ने ही सिखाया है, सम्भलने का हुनर
जीत का जरिया थी वो, खाई जो शिकस्त करारी है
बहुत खेल चुका है वक़्त, औऱ मैं सहता रहा
कह दूँगा अब मैं उसे, आई अब तेरी बारी है
सचिन तिवारी
इन्दौर, मध्य प्रदेश